Deep Knowlegde Of God Kabir
कबीर परमेश्वर ने ही सतलोक के विषय में बताया कि ऊपर एक ऐसा लोक है जहां सर्व सुख है व कोई कष्ट नहीं है जिसकी गवाही संत गरीबदास जी ने भी दी है। गरीब, संखो लहर महर की उपजै, कहर जहां न कोई। दास गरीब अचल अविनाशी, सुख का सागर सोई।। कबीर साहेब ने ही हमें अवगत कराया कि हमें जन्म देने व मारने में काल (ब्रह्म) प्रभु का स्वार्थ है जोकि श्रीमद्भागवत गीता अध्याय11श्लोक 32 में कहता है कि मैं बढ़ाहुआकाल हूँ अर्जुन परमात्मा कबीर जी का तत्वज्ञान जिस स्वर्ग के सुख को समाज में श्रेष्ठ सुख समझा जाता था,परमात्मा कबीर जी के तत्वज्ञान से ही पता चला कि स्वर्ग का सुख तो सतलोक के सुख के आगे काग (कौऐ) की विष्ठा (बीट) के समान है। काल कौन है, कहां रहता है, वह हमें कष्ट क्यों देता है, काल के सभी कार्यों के बारे में परमात्मा कबीर जी ने ही विस्तार से बताया है । सतलोक पृथ्वी लोक से कितनी दूरी पर स्थित है और वहां कैसे जाया जा सकता है।